परिभाषित करती है नारीत्व
जीना सिखा देती है
अपने पर आती है तो यही नारी
संपूर्ण सृष्टि हिला देती है
प्रबल है भंडार कोमलता की तो
आवेश भी रखती है
मिट जाए मन से किसी पर तो
हर बाधा से टकरा लेती है
❤️✍️ शुभरात्रि ✍️ नागेश्वर
परिभाषित करती है नारीत्व
जीना सिखा देती है
अपने पर आती है तो यही नारी
संपूर्ण सृष्टि हिला देती है
प्रबल है भंडार कोमलता की तो
आवेश भी रखती है
मिट जाए मन से किसी पर तो
हर बाधा से टकरा लेती है
❤️✍️ शुभरात्रि ✍️ नागेश्वर