
महीना: मई 2022


अकड़ तोड़ देती है पकड़ छोड़ देती है कोई झूके तो मतलब ये नही कि,, उसमें वो नही होती है ❤️✍️ नागेश्वर,,,

मुहब्बत न होती तो,, ऐसे नजारे न होते तस्वीरों की जुबानी ये इशारे न होते ❤️✍️ नागेश्वर,,,

लंका में डंका जीवन में भक्ति हृदय में सियाराम महिमा में शक्ति ❤️🙏जय केसरी नंदन की 🙏 नागेश्वर

बाहर की खुबसूरती और अंदर की बात छोड़ भी रहने भी दो ये सब होते हैं राज ❤️✍️ नागेश्वर,,,,

मैंने देखा तुमने देखा देखें हैं सारे संसारी एकांकी और सुना पन है बड़ा भारी ❤️✍️ नागेश्वर,,,

* सबकी डोर है *

मन की तृप्ति तुम्हारी दर्शन सदा मिले तुम्हारी चरणों में जीवन 🌼🙏हर हर महादेव 🙏 नागेश्वर

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