स्वयंबर ( बातों पर बात )

🌜💞🌛

अंश प्रायः मिलेगा

नर में नारी नारी में नर

पूरक है केवल विभाजित हैं

संवारता है जीवन रहें प्रखर

एक दूजे की विभिन्नताएँ

यही तो है शुभ स्वयंबर

मन के जोड़ीदार में शोभित

माध्यम हैं वधू और वर

❤️✍️ शुभ-रात्रि ✍️ नागेश्वर

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